कोरोना के समय अपने घर में जरूर रखें ये दवाइयां और चीजें, जानें कैसे रखेगी सुरक्षित?

कोरोना के समय अपने घर में जरूर रखें ये दवाइयां और चीजें, जानें कैसे रखेगी सुरक्षित?

सेहतराग टीम

चीन से निकलकर अब पूरे विश्व में तबाही मचाने वाला कोरोना वायरस अब और भी खतरनाक होता चला जा रहा है। यह वायरस और खतरनाक इस लिए भी लगने लगा है क्योंकि अभी तक इस वायरस का कोई इलाज नहीं मिल पाया है, हालांकि डॉक्टर्स  और शोधकर्ताओं ने इस संक्रमण से होने वाले कुछ लक्षणों को ठीक करने के तरीके निकाले हैं। लेकिन फिर भी ये कोरोना वायरस का इलाज नहीं है। कोरोना वायरस के ज़्यादातर लक्षण पहचानना आसान हैं। ज़्यादातक लोगों में हल्के लक्षण दिखते हैं, जो घर पर इलाज से ठीक हो जाते हैं।

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ऐसे में ये ज़रूरी है कि आपके पास घर पर दवाएं उपलब्ध रहें, वह भी कम से कम 30 दिनों की। इस वक्त ज़रूरी है कि आप अपना फर्स्ट एड बॉक्स सही दवाइयों से तैयार रखें।

दवाइयों को कहां रखना सही है?

डॉक्टर्स का मानना है कि बाथरूम के कैबिनेट में दवाइयों को रखने से बेहतर है हॉल या कमरे में रखा जाए। बाथरूम का तापमान गर्म होता है और वहां मॉइश्चर भी ज़्यादा होता है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि आप अपनी पुरानी दवाइयों को फेंक दें।   

इन चीज़ों को घर पर ज़रूर रखें

थर्मोमीटर

  • कोरोना वायरस का सबसे प्रमुख लक्षण है बुखार का आना। अगर आपके पास थर्मोमीटर है, तो इसके लिए एक्सट्रा बैट्री और खरीद लें।    
  • इसका इस्तेमाल करने के बाद इसे अल्कोहल या पेरॉक्साइड से डिसइंफेक्ट कर लें। वहीं, अगर आपको थर्मोमीटर खरीदना है, तो मुंह में लगाने वाला थर्मोमीटर सबसे अच्छा माना जाता है।  
  • और अगर आपको कहीं भी थर्मोमीटर नहीं मिल पा रहा है तो, घबराने की ज़रूरत नहीं है। बुखार आने पर हम सभी को पता चल जाता है, भले ही सही तापमान न पता चले, लेकिन बुखार है या नहीं ये ज़रूर पता चल जाता है। बुखार आने पर ठंड लगने के साथ कंपकंपी भी महसूस होती है, और काफी पसीना भी आ सकता है। इसके साथ अगर आपको कमज़ोरी, चक्कर या भ्रम जैसा महसूस हो रहा है, तो फौरन डॉक्टर से सलाह लें। 

पल्स ऑक्सीमीटर

  • कुछ लोगों को निमोनिया हो जाता है, और लक्षण दिखने से पहले इसकी वजह से ऑक्सीजन का स्तर गिरने लगता है। पल्स ऑक्सीमीटर, एक क्लीप जैसी मशीन है जिसकी मदद से शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा को नापा जा सकता है। इसे आप उंगली पर या फिर कान पर क्लिप कर सकते हैं। 95-100 तक ऑक्सीजन लेवेल नॉर्मल माना जाता है। वहीं, 90 से नीचे का ब्लड-ऑक्सीजन स्तर काफी कम माना जाता है।
  • अगर आपको ये भी बाज़ार में नहीं मिलता है, तो परेशान होने की ज़रूरत नहीं है। डॉक्टर्स का मानना है कि अपका शरीर हर तरह के संकेत देता है, इसलिए उस पर ध्यान दें। 

बुखार और दर्द की दवाएं

  • ऐस्टामिनोफेन और आईबूप्ररोफन बुखार कम करती हैं और सिर दर्द, बदन दर्द और कंपकपी जैसे बुखार के लक्षणों को भी दूर करती हैं। हालांकि, ज़्यादा ऐस्टामिनोफेन लेना हानिकारक भी हो सकता है, क्योंकि इस दवा की ज़्यादा ख़ुराक लिवर को नुकसान पहुंचा सकती है।
  • आपको बता दें कि खांसी की ज़्यादातर दवाओं में ऐस्टामिनोफेन मौजूद होता है। पैनकिलर और खांसी-ज़ुकाम के लिए ली गई ऐस्टामिनोफेन प्रतिदिन 3000 मिलीग्राम से ज़्यादा नहीं होनी चाहिए।
  • जो लोग पहले से दिल, किडनी, डायबिटीज़, कैंसर या ऐसी ही किसी बीमारी से ग्रस्त हैं, उन्हें कोई भी नई दवा डॉक्टर की सलाह के बग़ैर नहीं लेनी चाहिए। साथ ही बच्चों और वयस्कों की दवा की ख़ुराक में फर्क होता है, इसलिए दवा लेने से पहले उसमें लिखी खुराक को ज़रूर पढ़ लें।  

दूसरी तरह के उपाय

  • खांसी के लिए स्ट्रैपसिल्स की तरह की चूसने वाली टैब्लेट का इस्तेमाल कर सकते हैं। जिससे गले के दर्द में आराम मिलता है, लेकिन ध्यान रखें कि छोटे बच्चों को ये न दें। उनके लिए शहद जैसी चीज़ों का इस्तेमाल करें।
  • कोरोना वायरस में कई बार मतली और डायरिया देखा जा रहा है, इसलिए घर पर इलेक्ट्रोलाइट-रेप्लेनिशर जैसे इलेक्ट्रोल के पैकेट रखें, ताकि शरीर को खनिज पदार्थ मिलते रहें। 
  • सबसे ज़रूरी है कि जब भी बीमार महसूस करें, तो अस्पताल या क्लीनिक जाने से पहले अपने डॉक्टर से फोन पर बात करें। अपने लक्षण उन्हें विस्तार से बताएं।

 

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